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Reetika Hooda : रीतिका हुड्डा पेरिस 2024 ओलंपिक में सेमीफाइनल से चूकीं, कांस्य पदक की दौड़ में अभी भी



Reetika Hooda :  भारतीय पहलवान रीतिका हुड्डा पेरिस 2024 ओलंपिक में महिलाओं की 76 किग्रा फ़्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के क्वार्टर फ़ाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त किर्गिस्तान की एपेरी मेडेट काइज़ी से काफ़ी करीबी मुक़ाबले में हार गईं। मैच 1-1 के स्कोर पर समाप्त हुआ, लेकिन नियमों के अनुसार काइज़ी ने अंतिम बराबरी अंक के आधार पर आगे बढ़ गईं। हार के बावजूद रीतिका कांस्य पदक की दौड़ में बनी हुई हैं, जिससे कुश्ती श्रेणी में भारत की उम्मीदें ज़िंदा हैं।


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क्वार्टरफाइनल मुकाबला: डिफेंस की लड़ाई


डिफेंसिव कुश्ती, 1-1 स्कोर, आखिरी बराबरी का पॉइंट, रणनीतिक चालें

रीतिका हुड्डा और एपेरी मेडेट काइज़ी के बीच क्वार्टरफाइनल मुकाबला दोनों पहलवानों की गहन रक्षात्मक रणनीतियों से चिह्नित था। छह मिनट के बाद मैच 1-1 से बराबरी पर रहा, जिसमें कोई भी एथलीट महत्वपूर्ण लाभ हासिल नहीं कर सका। प्रत्येक पहलवान के लिए एकमात्र अंक दो अवधियों में निष्क्रियता के माध्यम से स्कोर किया गया था। अंततः, यह काइज़ी की आखिरी पॉइंट स्कोर करने की क्षमता थी जिसने परिणाम को उसके पक्ष में तय किया।

क्वार्टरफाइनल का रास्ता: रीतिका का प्रभावशाली प्रदर्शन


राउंड ऑफ़ 16, बर्नडेट नेगी, तकनीकी श्रेष्ठता, 12-2 से जीत

रीतिका हुड्डा ने हंगरी की बर्नडेट नेगी के खिलाफ अपने राउंड ऑफ़ 16 मैच में शक्ति और तकनीक में मास्टरक्लास का प्रदर्शन किया। भारतीय पहलवान ने तकनीकी श्रेष्ठता के माध्यम से 12-2 से जीत हासिल करते हुए मुकाबले पर अपना दबदबा बनाया। रीतिका ने पहले राउंड में शानदार लेग-होल्ड और फ्लिप के साथ 4-0 की बढ़त बनाई और नागी की संक्षिप्त वापसी के बावजूद, दूसरे राउंड में रीतिका के अथक हमले ने मैच को अपने पक्ष में कर लिया।

ऐतिहासिक उपलब्धि: रीतिका की ओलंपिक यात्रा


पेरिस क्वालीफिकेशन, 76 किग्रा हैवीवेट, एशियाई कुश्ती ओलंपिक क्वालीफायर, पहली भारतीय महिला

रीतिका हुड्डा का पेरिस 2024 ओलंपिक तक का सफर इतिहास की किताबों में दर्ज है। इस साल की शुरुआत में, वह ओलंपिक में 76 किग्रा हैवीवेट कुश्ती वर्ग के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। किर्गिस्तान के बिश्केक में आयोजित एशियाई कुश्ती ओलंपिक क्वालीफायर में उनकी योग्यता सुरक्षित हुई, जहाँ उन्होंने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया और ओलंपिक मंच पर जगह बनाई।

कांस्य पदक की तलाश


क्वार्टर फाइनल में हार के बाद, रीतिका हुड्डा अब अपना ध्यान कांस्य पदक की दौड़ पर केंद्रित कर रही हैं। आगामी मुकाबलों में जीत से उनके नाम पर एक प्रतिष्ठित ओलंपिक पदक जुड़ सकता है और पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत की कुल पदक तालिका में योगदान मिल सकता है। ओलंपिक में अपनी जीत की तलाश जारी रखने के लिए कुश्ती समुदाय और भारत भर के प्रशंसक उनके पीछे एकजुट हैं।

निष्कर्ष: एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाली प्रतियोगी


पेरिस 2024 ओलंपिक में रीतिका हुड्डा का प्रदर्शन उनके लचीलेपन और दृढ़ संकल्प का प्रमाण रहा है। क्वार्टर फाइनल में मिली हार के बावजूद, उनका सफर जारी है और वह कांस्य पदक के लिए संघर्ष कर रही हैं। उनकी उपलब्धियों ने उन्हें पहले ही भारतीय कुश्ती में अग्रणी बना दिया है और पदक जीतने का उनका दृढ़ संकल्प अटल है। आने वाले मैच न केवल रीतिका के लिए बल्कि ओलंपिक में भारत की उम्मीदों के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे। 


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